चौथाई चाँद
Massimo Longo E Maria Grazia Gullo
चौथाई चाद: वह दुनिया जिसमें एलियो बच कर भागा था, वह पूरी तरह से उसकी कल्पना नहीं थी, बल्कि यह एक ऐसा जाल था, जो उसके चारों ओर बुना हुआ था। गाव में एक छुट्टी के दौरान, उसके पास एक पहरेदार से मिलने का मौका होगा जो उसके सामने सच्चाई को उजागर करेगा। वास्तविक और काल्पनिक दोनों तरह के मज़ेदार मित्रों के साथ, वह अपनी आजादी वापस पाने के लिए संघर्ष करेगा। इस बच्चे के कारनामे आपको दानव, प्रहरी, छाया, बोसव, जादू की लोरी से परिचित कराएंगे, और आप ट्रैफिक लाइट का उपयोग करते हुए, बाओबाब के पेडों के चारों ओर घूमते हुए या बर्फ की गेंद के अंदर उडते हुए दुनिया भर में यात्रा करेंगे।
मारिया ग्रेज़िया गुल्लो – मासिमो लोंगो
चौथाई चाँद
कैंपोवर्दे के प्रहरी
अनुवादक
मुमताज़ अज़ीज़ नाज़ाँ
कॉपीराइट © 2019 एम.जी. गुल्लो – एम. लोंगो
मुखपृष्ठ चित्र तथा ग्राफिक मासिमो लोंगो द्वारा रचित और संपादित
सर्वाधिकार सुरक्षित
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ISBN-13:
विषय सारणी
प्रस्तावना
“सब कुछ ठीक हो जाएगा, अब तुम बड़े हो गए हो.....जाओ और दूसरे बच्चों के साथ खेलो। हम फिर मिलेंगे, मैं वादा करता हूँ!”
बच्चा आँसू भरी आँखों से उसे दूर जाते हुए देखता रहा; वह, अकेला आदमी, जिसके साथ वह हमेशा से खेलता आया था।
बच्चा धूप से भरे पार्क की तरफ दौड़ता हुआ वापस आया, जहां वह पड़ोस के दूसरे बच्चों के साथ खेल में लग गया, इससे उसके काल्पनिक दोस्त की यादें धीरे-धीरे उसके दिमाग से मिटने लगी थीं।
दूसरे बच्चों के बीच अपना रास्ता बनाने के बाद, वह आखिरकार स्लाइड तक पहुंच ही गया। उसने एक पल भी बर्बाद नहीं किया और तेज़ी से स्लाइड पर नीचे की ओर फिसलना शुरू कर दिया। अभी वह स्लाइड के नीचे तक भी नहीं पहुंचा था, कि उसने देखा कि एक छोटी सी गोरी लड़की अपनी माँ से दूर भागी, और भागते हुए उसके पैरों की ओर आई। वह अपनी गति धीमी नहीं कर पाया और उससे बुरी तरह टकरा गया।
छोटी लड़की ने अपना संतुलन खो दिया और उसका सिर स्लाइड के ठोस किनारे से टकरा गया।
उसने छोटी लड़की तक पहुँचने और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि वह ठीक है, लेकिन उसकी माँ ने उसे बड़ी बेरहमी से खींच कर उससे दूर कर दिया, जो उसकी मदद के लिए आई थी। अचानक, दादा-दादी और माओं की एक भारी भीड़ बेचारी छोटी लड़की के आसपास इकट्ठा हो गई।
जब वह बड़े लोगों के पैरों के बीच से रेंग कर दूर जाने की कोशिश कर रहा था, तो वह केवल यह सुन सका था कि वह बेहोश हो गई थी। "कोई एम्बुलेंस बुलाओ!"
उस आवाज के साथ, जो उसके कानों में भयंकर ढंग से गूँज रही थी, आशंकाओं ने उसे घेर लिया। वह पार्क के पीछे वाले जंगल की ओर भाग गया।
अचानक, उसके चारों ओर हर चीज पर अंधेरा सा छा गया। ठंडी हवा अजीब सी आवाज़ें निकालती हुई चल रही थी। अज्ञात आवाज़ें पार्क के माँ-बापों की चख-चख के साथ मिल कर उसके कानों में गूंजने लगीं। वे पेड़ों के एक समूह की ओर से आ रही थीं, जहां से एक लंबी सी छाया खुद को ज़ाहिर कर रही थी। फिर वह आवाज़ जो विभिन्न दिशाओं से आ रही थी, और भी तेज़ होती गई। वह अधिक से अधिक तेज़ हो कर उसके कानों तक आती रही, फिर उसे महसूस हुआ कि वह उसके कानों में फुसफुसा रही है:
"दमनबालेस आइस ओम, मिरदो ख्वाइस मिरदो, सेसा विरंट आइस ओम मिरदो ओब्लिविओ इमेंट, मोर्स दमनबालेस आइस ओम, ओस्पेस आरानियस आइस ओम....."
उसने आवाज़ से छुपने के लिए अपने सिर को अपने हाथों से ढँक लिया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वह अपने घुटनों के बल गिर पड़ा और उसने अपनी आँखें बंद कर लीं...........
"दमनबालेस आइस ओम, मिरदो ख्वाइस मिरदो, सेसा विरंट आइस ओम मिरदो ओब्लिविओ इमेंट, मोर्स दमनबालेस आइस ओम, ओस्पेस आरानियस आइस ओम....."
पहला अध्याय
जब मैं उसे गले लगाना चाहती हूँ, वह बच कर निकल जाता है.......
“एलियो, एलियो, यहाँ आओ! तूफान आने से पहले किराने का सामान रखने में मेरी सहायता करो, प्लीज।” एलियो अब भी अपने नए जूतों में स्थिर खड़ा था और अपनी माँ को घूर रहा था, जो लगातार जल्दी जल्दी अपने सारे कामों को निपटा रही थी।
“एलियो! वहाँ ऐसे खड़े मत रहो! इसे पकड़ो!” उसने उसको झकझोरा और सब्जियों से भरा हुआ एक बड़ा सा थैला उसकी बाहों में दे दिया।
एलियो और कुछ भी करने के मूड में नहीं था। वह मकान की ऊपरी सीढ़ियों तक चढ़ गया, पीछे घूमा और दरवाजे को धक्का दे कर खोला। उसने लिफ्ट की असहनीय लाल चुभने वाली रौशनी को घूरना शुरू कर दिया। फिर वह प्रतीक्षा करना छोड़ कर अपने फ्लैट की ओर जाने वाली सीढ़ियाँ चढ़ने लगा। उसने सामान रसोई की मेज़ पर रखा और अपने बिस्तर पर लेट कर थोड़ा संगीत सुनने की गरज से सीधा अपने कमरे की ओर चल दिया।
अभी ऊपर आ कर कोई बहुत समय नहीं हुआ था, कि उसकी थकी हुई मां उसकी तलाश में लग गई।
वह दरवाजे पर खड़ी चिल्ला रही थी: "तुम क्या कर रहे हो? हमारा काम अभी तक खत्म नहीं हुआ है, आओ और मेरी मदद करो!"
“हाँ, आ रहा हूँ...” एलियो ने बिना हिले जवाब दिया। दरअसल वो केवल उससे छुटकारा पाना चाहता था।
ज्यूलिया वापस लौट गई, उसे उम्मीद थी कि इस बार उसका बर्ताव कुछ अलग होगा। वह निराश थी। वह अपने खुद के बेटे को प्रोत्साहित करने के लिए संघर्ष कर रही थी, जो अधिक से अधिक तटस्थ होता जा रहा था।
प्रवेशद्वार से वह अपनी बहन के पदचापों को साफ सुन सकता था, जो जोशीली आवाज़ में उसका नाम पुकार रही थी। “एलियो! एलियो! बिस्तर से अपना पिछवाड़ा उठाओ और माँ की मदद करो। वह नीचे तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।” यह जानते हुए भी कि इसका कोई फायदा नहीं होगा, वह चिल्लाती रही ।
एलियो एक इंच भी नहीं हिला। बजाए इसके उसने संगीत की आवाज़ बढ़ा दी और छत की तरफ घूरता रहा, जैसे कुछ हुआ ही न हो।
ज्यूलिया, जिसे थकान की बजाय अपने बेटे से उस बहस ने ज्यादा निढाल कर दिया था, उसने आखिरकार अपनी बेटी गाइया के साथ मिल कर सामान ऊपर लाने का काम खत्म किया। जब वह अपने पाँच मंज़िला मकान की सीढ़ियाँ चढ़ रही थी, जहां लिफ्ट हर दूसरे दिन खराब हो जाती थी (और विडंबना यह थी कि हर बार जब उसे किराने का सामान ऊपर लाना होता था, यह हमेशा खराब ही होती थी), वह एलियो के बारे में सोचती रही। गियालिंगुआ, जिस इलाके में वे रहते थे, उसके आसपास के अन्य सभी परिषद इलाकों की तरह इस इमारत को भी सफेद और नारंगी रंग में रंगा गया था। उस एस्टेट में, जो बीस फ्लैटों में विभाजित थी, जिनका सामने का हिस्सा इमारत के विपरीत किनारों पर था, उनमें बीस परिवार रहते थे।
“यह आखिरी बार है, जो तुम ने ऐसा किया है!” वह रसोई से उस पर चिल्लाई। “तुम्हारे पिता घर आएँ, उससे पहले हम यह काम खत्म करेंगे!”
एलियो उसे सुन ही नहीं रहा था, वह बस उस नीरस संगीत में डूबा हुआ था। कोई भी चीज़ उसे ऊब और मानसिक उन्माद की उस भावना से निकाल नहीं सकता था, जिससे वह घिरा हुआ था। उसकी नीरस दुनिया उसके लिए एक शरणस्थल थी। यह उसका व्यक्तित्व था और दुनिया को उससे ऊपर उठना होगा।
गाइया बिलकुल अलग थी: वह पंद्रह साल की चमकीली आँखों और छोटे काले बालों वाली लड़की थी। अपनी सारी रुचियों को पूरा करने के लिए चौबीस घंटे उसके लिए कम पड़ते थे।
ज्यूलिया भी एक सक्रिय औरत थी। लेकिन अपनी बेटी के उलट उसके बाल सुनहरे और घुँघराले थे, वह थोड़ी भारी थी लेकिन फुर्तीली और दृढ़ संकल्प थी। वह बयालीस वर्षीय पारंपरिक माँ थी: वह हमेशा समय के साथ भागते हुए, काम और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखती थी।
यह रात के खाने का समय था। हालांकि एलियो के कमरे से कोई शोर नहीं सुनाई दे रहा था। दरअसल जबसे वह अपने बिस्तर पर गया था, और उसने अपने हेडफोन पहने थे, तब से वह हिला तक नहीं था।
उसने मुख्य द्वार के ताले में चाबी डालने की आवाज़ सुनी। उसी समय जबकि दरवाजा अभी आधा ही खुला था, ज्यूलिया गुस्से भरी आवाज़ में आते ही अपने पति पर बरस पड़ी:
“हम यह नहीं करते रह सकते!”
“प्रिये, पहले मुझे घर के अंदर तो आने दो.....”
ज्यूलिया ने अपने पति का चुंबन लिया और वापस शिकायतें करने लगी।
“यह एलियो के बारे में है, है ना?” उसने ऐसी आवाज़ में पूछा, जैसे उसने हथियार डाल दिये हों।
“हाँ, उसी के बारे में है।” ज्यूलिया ने जवाब दिया।
इसी बीच कार्लो ने अपने बैग से एक खाने का डब्बा निकाला जिसे उसने रसोई में छोड़ा। फिर उसने अपने ब्रीफकेस को अलमारी में रखा। उस गर्मी की लहर के कारण, जो इस मई इलाके में आई थी, वह अपने ब्रीफकेस में हमेशा एक अतिरिक्त टीशर्ट रखता था।
वह बयालीस साल का एक दयालु, लंबा और छरहरा आदमी था। उसके बाल पूरी तरह सफ़ेद हो चुके थे, लेकिन एक समय ये बिलकुल उसकी बेटी की तरह हुआ करते थे। उसका पतला मुंह पोपला हो गया था; अपनी तोते जैसी नाक पर वह हमेशा अपना धातु का गोल चश्मा पहने रहता था।
“क्या हम इस बारे में बाद में बात करें?” इस उम्मीद में कि उसकी बीवी दुखी होगी, उसने उस से सज्जनता से पूछा।
“हाँ, तुम ठीक कह रहे हो प्रिय।” उसने जवाब दिया, लेकिन वह बराबर शिकायतें करती ही रही, जब तक खाना लग नहीं गया।
सौभाग्य से, उसकी निराशा को थोड़ी सकारात्मक रोशनी में बदलते हुए, गाइया अपने दिन के बारे में धाराप्रवाह बात करती रही।
खाना लगाना खत्म करते ही ज्यूलिया ने कहा:
“एलियो को बुलाओ।”
“तुम जानती हो कि यह बेकार है।” उसने जवाब दिया। “तुम जानती हो कि जब तक डैड उसे नहीं बुलाएँगे, वह एक इंच भी नहीं हिलेगा....”
तब ज्यूलिया अपने पति की तरफ पलटी:
“वह उस कमरे में तब से है जब से मैं उसे स्कूल से ले कर आई हूँ। वह और भी बिगड़ता जा रहा है।”
“क्या हमने यह तय नहीं किया था कि वह इस समय से अपने दम पर छुटकारा पा लेगा?”
"मैं उस क्षेत्र में थी... मैं किराने का सामान ले रही थी..."
"तुम हमेशा उसको बचाने के लिए बहाने खोजती हो, लेकिन फिर तुम्हीं उसके व्यवहार के बारे में शिकायत करती हो!"
कार्लो अस्वीकृति के भाव में अपना सिर हिला रहा था। फिर वह काउच से उठा और बच्चे के कमरे में गया।
वह कमरे में बिना दस्तक दिये दाखिल हुआ, और उसने एलियो को बिलकुल उसी जगह पर पाया, जहां ज्यूलिया ने उसे छोड़ा था। वह भावहीन आँखों से छत की ओर घूर रहा था, उसने अब भी अपने सफ़ेद वाईफाई हेडफोन पहने थे, और अब तक अपने जूते भी नहीं उतारे थे।
कार्लो को विश्वास नहीं हुआ कि यह वही लड़का है, जिसके साथ वह हमेशा साइकल की सवारी पर जाया करता था। अब वह 16 साल का था, उसके जितना ही लंबा था, और उसकी हरी आँखें अब भी खूबसूरत थीं, लेकिन वह ऐसी दिख रही थीं, जैसे वे निष्प्राण हों। पिछले कुछ सालों में वह अवसाद से पीड़ित था। कार्लो ने उसकी हँसी इतने लंबे समय से नहीं सुनी थी कि वह उसकी आवाज़ भी भूल गया था। उसे दुख होता था कि वह अब उसके साथ उतना समय नहीं बिता पाता, जैसा पहले बिताता था। हालांकि उसे संदेह था कि अब उसके ध्यान देने का कोई असर होगा।
दुर्भाग्य से अब से काफी साल पहले कार्लो की नौकरी चली गई थी, जिससे वे आर्थिक संकट में आ गए थे। कमाई में वृद्धि के बाद, कंपनी को कई अन्य कपनियों की तरह विदेशों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
कार्लो ने नई नौकरी पाने के लिए संघर्ष किया। आखिरकार, उसे एक दूसरे शहर में एक नौकरी की पेशकश की गई। हर दिन उसे काफी दूरी तय करनी पड़ती थी, और यातायात के कई साधन बदलने पड़ते थे, जिसके कारण उसे दिन के अधिकतर समय अपने परिवार से दूर रहना पड़ता था। वह घर लौटने पर इतना थका होता था, कि वह बेसुध हो जाता था। रात के खाने के बाद वह काउच पर लेट जाता और अपनी आँखें खुली रखने की लाख कोशिशों के बावजूद सो जाता।
कार्लो ने उसे हेडफोन उतारने का इशारा किया। एलियो सिर्फ डांट से बचने के लिए उसकी बात मान ली।
“यह खाने का समय है। आओ और खाना खाओ।” उसने आदेश दिया। “तुम्हारी माँ ने बताया कि तुम यहाँ 4 बजे से चिपके हुए हो!”
एलियो बिस्तर से उठ गया, और ज़मीन पर आँखें गड़ाए, अपने पिता के पास गया। फिर अपने पिता की किसी कोशिश के बिना, वह रसोई की तरफ चल दिया।
गाइया पहले से ही मेज़ पर बैठी थी, जो उसने अभी लगाई थी, और अपने दोस्तों को संदेश भेज रही थी और उनके साथ योजनाएँ बना रही थी।
एलियो अपनी बहन के सामने बैठ गया। फिर भी पूरे खाने के दौरान उसने उससे एक भी बात नहीं की।
खाना के दौरान माहौल शांत रहा। एलियो के अलावा हर कोई अपने दिन की घटनाओं के बारे में बात कर रहा था, उसने एक सैंडविच के सिर्फ दो कौर खाए, और जितनी जल्दी हो सका, वापस अपने कमरे में लौट गया। उसकी माँ उसके इस हाव-भाव से नाराज थी, और उसका पिता भी, जिसके चेहरे पर सख्ती थी।
जब कमरे में केवल ज्यूलिया और कार्लो रह गए, और जब वे मेज़ साफ कर रहे थे, तो उन्होंने फिर उसी पुराने विषय पर बात करनी शुरू कर दी: अपने बेटे का खराब व्यवहार।
“हम क्या गलत कर रहे हैं? मैं समझ नहीं पा रही! गाइया कितनी सक्रिय है, खुश और जीवन से भरी हुई!” ज्यूलिया ने कहा।
“मैं ने उसे काफी नज़र अंदाज़ किया है!” कार्लो ने हमेशा की तरह खुद को दोष दिया।
“तुम दुनिया के पहले पिता नहीं हो जिसे बहुत से घंटे घर से दूर बिताने पड़ते हैं। दूसरी तरफ मैं हर शाम घर में रहती हूँ।” उसने फिर से दोहराया, वह नहीं चाहती थी कि उसका पति अपने कंधों पर कोई बोझ महसूस करे।
“यह प्रकृति का सवाल नहीं है, ज्यूलिया, क्योंकि एलियो पहले ऐसा नहीं था, और तुम यह जानती हो।”
“मैं मानती हूँ कि वह ऐसा नहीं था, कार्लो, लेकिन जैसे जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे बदल जाते हैं। और तब, वे खराब से खराब हो जाते हैं, है ना? स्कूल में वह बहुत बुरा है। उम्मीद है कि वह विरोध नहीं करेगा, वरना हम उसे ग्रीष्म शिविर में नहीं भेज पाएंगे.....हम उसे ग्रीष्म स्कूल नहीं जाने दे सकते....वह ऊब जाएगा!”
“ज्यूलिया, आम तौर पर दूसरे बच्चे ग्रीष्म स्कूल में मज़े करते हैं। फ्रेन्सेस्का और ज्यूसेप के बच्चे बहुत मज़ा करते हैं। तुम अच्छी तरह जानती हो कि वह ग्रीष्म शिविर में कुछ नहीं करने वाला! हमें दूसरा विकल्प ढूँढना पड़ेगा, कुछ ऐसा, जो उसे संघर्ष करने के लिए उकसाए। वह तो जीवित ही नहीं दिखता। तुम्हें याद है, जब हम उसकी उम्र के थे तो कितने जीवन से भरे हुए थे?”
“बिलकुल याद है! मेरी माँ दरवाजे पर चिल्लाती थीं कि खाना तैयार है। लेकिन अधिकतर समय मैं उन्हें सुनती ही नहीं थी, क्योंकि मैं खेतों में दौड़ने और घास पर लोटने में व्यस्त होती थी। हम स्वतंत्र और खुश थे। निश्चित रूप से हम शहर में उसे वह ज़िंदगी नहीं दे सकते। फिर भी, वह नहीं जानता कि ग्रीष्म शिविर का अधिक से अधिक लाभ कैसे उठाएँ। उसके कोई दोस्त नहीं हैं, उसकी इस नीरसता, जिसमें वह जी रहा है, को दूर करने में उसकी सहायता करने के लिए हम किसी को नहीं बुला सकते। वह किसी को अपने से जुडने नहीं देता। कभी कभी मैं खुद से पूछती हूँ कि वह हमारे बारे में कैसा सोचता है। जब भी मैं उसे गले लगाना चाहती हूँ, वह कतरा कर निकल जाता है....”
“ज्यूलिया, किशोर अपनी माँ द्वारा लिपटाया जाना पसंद नहीं करते। मुझे यकीन है कि वह अब भी हमसे प्यार करता है, लेकिन हम उससे सही तरीके से संवाद नहीं कर पा रहे हैं। हमें कोई नया रास्ता खोजना होगा। हमें एक ऐसा रास्ता ढूँढना होगा जो उसे जगा सके। शायद वह इडा से बात कर सके? उसके दो जवान लड़के हैं। हो सकता है वह हमें कुछ काम की सलाह दे सके।”
“क्या तुम्हें डर है कि वह लिबेरो के जैसा हो जाएगा? कि वह किसी आनुवांशिक मनोवैज्ञानिक विकार से पीड़ित है?”
“नहीं, लिबेरो के साथ मामला दूसरा है। उसकी समस्या उसके पिता की मृत्यु की वजह से थी। लेकिन एक कॉमन बात है, और इडा का अनुभव उपयोगी हो सकता है। जैसे ही वे ग्रामीण इलाके में रहने गए, उसने वाकई उस लड़के के साथ चमत्कार कर दिया। और उसने यह सब अपने दम पर किया! खेत के साथ भी।”
“हाँ, उससे इसका ज़िक्र करो। मुझे तुम्हारी बहन पर भरोसा है। चीजों को देखने का उसका अपना नज़रिया है, और मुझे यह पसंद है।”
“हमें स्कूल की रिपोर्ट कब मिल रही है?” कार्लो ने अपनी पत्नी से पूछा।
“19 जून को....”
“इससे तो निर्णय लेने में बहुत देर हो जाएगी कि क्या करें। तुम उसके इतालवी के शिक्षक से कहो कि वह तुमसे आमने सामने बात कर ले। हमें फैसला करना है कि हमें अपने बच्चों को कहाँ भेजना है। ग्रीष्म शिविर और ग्रीष्म स्कूल, दोनों के दाखिले 19 से पहले बंद हो जाएंगे।” कार्लो ने सलाह दी।
“हाँ, तुम ठीक कहते हो। हालांकि वह स्कूल में उतना खराब प्रदर्शन नहीं कर रहा, लेकिन हमें हालात के बारे में निश्चित होना पड़ेगा। सिर्फ इतना है कि वह जो भी करता है उसे पूरे मन से नहीं करता। क्या तुम्हें पता है कि दूसरी मंज़िल के किरायेदार रहने आ गए हैं? वह अच्छे लोग लगते हैं। श्रीमति गोवाना ने मुझे बताया कि वे यहाँ पोतेंज़ा से आए हैं। वह दूर है! यह शुरू में उनके लिए आसान नहीं रहा होगा। उनका एक बेटा है जो एलियो की उम्र का ही है। मैं किसी शाम उनको आमंत्रित करूंगी....”
तभी ज्यूलिया ने ग़ौर किया कि कार्लो, जो काउच पर लेटा था, पहले ही सो चुका है।
“आओ प्रिय, हम बिस्तर पर चलते हैं।” वह उसको जगाने के लिए धीरे से उसके कान में फुसफुसाई।
दूसरा अध्याय
एक ठंडी फुसफुसाहट उस के दिल में उतर गई थी
एलियो अपने स्कूल के सामने चौड़े फुटपाथ पर खड़ा था। उसके आसपास के अन्य सभी बच्चे तेजी से बढ़ रहे थे, जल्दी से अपने माता-पिता की कार से उतर रहे थे या घर के रास्ते में एक-दूसरे का पीछा कर रहे थे। दूसरी ओर, वह इस आशा में कि वह उसकी माँ इतालवी शिक्षक के साथ आमने सामने की बातचीत के बाद अभी निकली नहीं होगी, उसकी कार की तलाश में हर तरफ निगाहें दौड़ा रहा था जैसे कि वह उसकी जीवन रेखा थी।
कुछ ही देर में जब स्कूल का मैदान पूरी तरह से खाली हो गया, तो एलियो ने इंतजार करना छोड़ दिया और घर की ओर चल दिया। उसे चलने से नफरत थी। और वह उस असहनीय सड़क पर चलने से भी नफरत करता था, बहुत नफरत करता था, जिसके किनारे किनारे नींबू के पेड़ थे और जो स्कूल को उसके घर से जोड़ती थी।
उसने कुछ और मिनट इंतजार किया और फिर उसने अपने दम पर घर जाने का फैसला किया। फिर, उसने अपने पैरों को आगे बढ़ने का आदेश दिया। किसी और के लिए यह एक आसान काम होगा, लेकिन एलियो के लिए, जिसका अपने पैरों पर बहुत कम नियंत्रण था, यह एक संघर्ष था।
वह डेल कोर्सो से बाएँ मुड़ गया; और कोने पर उसने खुद को सड़क के उस भाग के सामने पाया, जिससे वह घृणा करता था। मुख्य सड़क के किनारे नींबू के पेड़ों की कतारें थीं। किसी और के लिए यह केवल खिलते हुए सुंदर नींबू के पेड़ों का एक समूह था जिसकी खुशबू हवा में घुल गई थी, और पूरे पड़ोस को महका रही थी। जैसे-जैसे वह कठिनाई के साथ पेड़ों की कतार के किनारे चलता हुआ नीचे जा रहा था, उसे महसूस हो रहा है कि कोई उसका पीछा कर रहा है।
वह तेजी से घूमा और उसे लगा कि उसने एक पेड़ के पीछे एक काले जानवर को देखा है।
"यह नहीं हो सकता है" वह खुद से ही कहता रहा "क्या मैंने उस अजीब कुत्ते की नाक पर एक नाक पकड़ चश्मा देखा है?"
वह डरते हुए वापस चलने लगा, क्योंकि उसने पेड़ों के पीछे छाया देखी थी। और जैसे कि यह काफी नहीं था, शाखाओं के बीच से हो कर हवा बह रही थी। एक ठंडी फुसफुसाहट उस के दिल में उतर रही थी; यह उसके कानों को चुभ रही थी और फिर उसके मस्तिष्क में फंस गयी।
वह उन ध्वनियों का अर्थ नहीं समझ सका। उस गंदे एहसास में फंसकर, उसने अपने शरीर को कोशिश करके भागने पर मजबूर किया। उसे पसीना आ रहा था, और जितना अधिक वह भागता था, उतनी ही अधिक वे आवाजें और छायाएं उसके करीब पहुंचती प्रतीत होती थीं।
वह जितनी तेजी से दौड़ सकता था, उतनी तेजी से दौड़ने लगा। फिर, उसने एक क्रूर आवाज सुनी, जो उसे दौड़ना बंद करने का आदेश दे रही थी। वह तेजी से घूमा और एक बार फिर पास के एक पेड़ के पीछे छिपी एक काली आकृति को देखा। वह पहले ही मुख्य सड़क के साथ लगे चौराहे पर पहुंच गया था, जिससे उस दुःस्वप्न पर विराम लग गया था।
हालांकि, उसे अपनी गर्दन के पीछे ठंडी हवा सी महसूस हुई। वह फिर से पलटा, और इस बार बिना रुके भागा, लेकिन किसी चीज ने उसे जोर से मारा और उसे जमीन पर गिरा दिया।
एलियो चौंका और अपने सिर को अपनी बाहों में थामे एक गेंद पर से लुढ़क गया।
और बिलकुल उसी क्षण, उसने सुना, एक परिचित आवाज उसे पुकार रही थी:
"एलियो! एलियो! तुम यहाँ कर क्या रहे हो?"
यह उसकी बहन थी जो उसे डांट रही थी। वह नाराज़ थी क्योंकि उसने उसे ज़ोर से धक्का मारा था। फिर उसने महसूस किया कि एलियो किसी भयानक अवस्था में था।
वह शांत हो गई, और पूछने लगी:
"तुम्हे कैसा लग रहा है?"
उसकी आवाज सुनकर एलियो ने अपना सिर उठाया।
गाइया ने ध्यान दिया कि वह घबराया हुआ था, पसीने से तर था और उसका चेहरा सामान्य अधिक फीका था। एक पल के लिए, उसने यह पता लगाने की कोशिश की कि वह क्यों भाग रहा था। यह उसके लिए बहुत असामान्य था। उसे ऐसा लग रहा था कि वह किसी ना किसी से दूर भाग रहा था। इस बीच, उसने उठने में उसकी मदद की।
"तुम ऐसे क्यों भाग रहे थे?" उसने पूछा। "क्या किसी चीज़ ने तुम्हें डरा दिया था?"
गाइया को याद नहीं आ रहा था कि पिछली बार एलियो कब भागा था। एलियो ने जवाब नहीं दिया। वह केवल इतना चाहता था कि वह जल्द से जल्द सड़क से दूर भाग जाए। वह बिना कुछ कहे कोने से मुड़ गया।
गाइया उसके लिए चिंतित हो गई।
"एलियो!" उसने उसे फिर से बुलाया।
“नहीं, कुछ भी नहीं।” एलियो ने बेरुखी से जवाब दिया, “सच में कुछ भी नहीं।”
एलियो के व्यवहार ने गाइया को फिर से नाराज़ कर दिया था।
“अच्छा? कुछ नहीं, हाँ? तुम दौड़ते दौड़ते मेरे अंदर घुस गए थे। फिर भी तुम कह रहे हो कि कुछ नहीं!”
एलियो ने बहस खत्म करने के लिए उससे माफी मांग ली, जिससे वह और भी थका हुआ महसूस करने लगा।
“माफ करना।” उसने कहा।
उन सतही क्षमायाचनाओं ने गाइया को और अधिक नाराज़ कर दिया। हालाँकि, वह अपने भाई के लिए चिंता में डूबी, उसके पीछे-पीछे चलती रही।
रविवार सुबह तक, कार्लो और जूलिया ने आखिरकार एक निर्णय लिया। जब वे नाश्ता बना रहे थे, वे अपने विचार पर चर्चा करते हुए अपने बच्चों के जागने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
"वह कितनी अच्छी है कि उसने यह प्रस्ताव रखा। उम्मीद है, बच्चे अच्छा व्यवहार करेंगे।" अपने चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान के साथ जूलिया ने कहा।
यह एक कठिन निर्णय था, लेकिन अब जब वे इसे ले चुके थे, कार्लो और वह इसके बारे में अजीब तरह से उत्साहित महसूस कर रहे थे।
"गाइया ख़ुश होगी।" कार्लो ने कहा। "दूसरी ओर, एलियो, हमेशा की तरह उदासीन रहेगा।"
"मुझे नहीं लगता...समर कैंप में गाइया ने बहुत सारे बच्चों से दोस्ती की थी। वह नाराज़ हो जाएगी। और जहां तक एलियो की बात है, वह वैसे भी उससे नफरत करेगा।" ज्यूलिया ने टिप्पणी की।
"मैं अब और इंतजार नहीं कर सकता। मैं उन्हें जगाने जा रहा हूं।" कार्लो ने दृढ़ स्वर में कहा, और उन्हें उनके नाम से पुकारते हुए उनके कमरों की ओर चल दिया।
उसने उन्हें मुंह भी नहीं धोने दिया।
"तुम्हारी माँ ने और मैंने मिल कर फैसला किया है कि तुम लोग गर्मियों में क्या करने जा रहे हो। स्कूल शुक्रवार को बंद होंगे और रविवार की सुबह तुम लोग अपना सामान पैक कर के ट्रेन के स्टेशन पर नज़र आओगे!"
"लेकिन समर कैंप अभी एक-दो हफ्तों तक शुरू नहीं होगा!" गाइया ने चिंतित होकर अपनी माँ की ओर देखते हुए पूछा, जो रसोई के दरवाजे पर खड़ी देख रही थी कि गलियारे में क्या चल रहा है।
“दरअसल इस बार तुम समर कैंप नहीं जाओगी,” ज्यूलिया ने जवाब दिया, तो गाइया का डर सच साबित हो गया। “हम ने सोचा कि हम तुम्हें पुराने जमाने की तरह गरमियाँ बिताने का एक मौका दें; जैसे कभी हम बिताया करते थे, जब हम तुम्हारी उम्र के थे।”
“इसका क्या मतलब हुआ?” गाइया ने पूछा, जबकि एलियो अपने चेहरे पर मनहूसियत सजाए खामोश बैठा रहा।
“तुम बाहर जा सकती हो, अपनी सांस फूलने तक खेतों में भाग सकती हो, तालाबों में तैर सकती हो और अपनी गर्मियों की रातों में स्थानीय मेलों की सैर कर सकती हो।” कार्लो ने अपनी बेटी को समझाया।
गाइया ने देखा, उसके माता-पिता एक दूसरे को देख कर हँस रहे थे, और फौरन ही उसे खयाल आया कि वे मज़ाक कर रहे होंगे।
“मज़ाक मत कीजिये, आज आप लोगों को हुआ क्या है?”
“यह मज़ाक नहीं है। इडा बुआ ने तुम लोगों को इन गर्मियों में अपने यहाँ आने का निमंत्रण दिया है।” आखिरकार कार्लो ने अपने बच्चों पर रहस्य खोल दिया, जो उस की ओर शक भरी नज़रों से देख रहे थे।
“यह एक बुरा सपना है। मैं दोबारा सोने जा रही हूँ!” गाइया ने कहा, जो देखने में ही नाराज़ लग रही थी।
“मुझे लगा था कि तुम खुश होगी।” उसके पिता ने कहा।
“खुश? मैं ने पहले ही अपने दोस्तों से बता दिया था! मैं ने पूरी सर्दियों इंतज़ार किया है!”
“गाइया, तुम बुआ के यहाँ भी दोस्त बना लोगी।” जूलिया ने उसे प्रोत्साहित किया।
“लेकिन मैं ऐसा क्यों करूँ? मैं ऐसा समर कैंप में करना चाहती हूँ। मैं बाहर घूम सकती हूँ और झील में गोता लगा सकती हूँ। मैं कहीं और नहीं जाना चाहती।”
“हाँ, तुम नहीं जाना चाहतीं, लेकिन एलियो को जाना है, उसे हवा-पानी बदलने की ज़रूरत है।”
“मैं जानती थी!” उसने तपाक से कहा, “यह एलियो के कारण है! तो वह खुद इडा बुआ के यहाँ क्यों नहीं जा सकता?”
“हम नहीं चाहते कि वह बिलकुल अकेला जाए।” जूलिया ने आग्रह किया।
“मैं उसकी आया नहीं हूँ।”
“लेकिन तुम उसकी बहन हो। तुम कुछ क्यों नहीं बोलते, एलियो?” कार्लो ने पूछा।
एलियो ने एक शब्द भी नहीं कहा। उसने केवल अपने कंधे उचकाए, जिसने गाइया का दिमाग खराब कर दिया।
“तो? कुछ नहीं? तुम्हारे लिए कोई चीज़ माने नहीं रखती। चलो भी, माँ और पापा को बताओ कि तुम गाँव में भी कुछ करने वाले नहीं हो।”
“एलियो ने उससे सहमत होते हुए हाँ में सिर हिलाया।”
“अब बस करो, गाइया! अब यह सब मत करो! हम पहले ही निर्णय ले चुके हैं। तुम्हारा भाई लिबेरो तुम्हें स्टेशन पर लेने आएगा।” कार्लो ने वार्तालाप पर विराम लगा दिया।
गाइया भाग गई, जो देखने में ही निराश और गुस्सा लग रही थी।
“वह इससे निपट लेगी।” जूलिया ने कहा, जो अपनी बेटी के जोशीले स्वभाव को जानती थी।
एलियो बिना किसी का ध्यान खींचे अपने कमरे में लौट गया।
कार्लो चकित था। हालांकि उसे विश्वास था कि उनका निर्णय आगे चल कर बेहतरीन साबित होगा।
शुक्रवार बहुत जल्दी आ गया। कार्लो अपने भांजे को स्टेशन से लेने गया। वह उसे दोबारा गले लगाने के विचार से ही अत्यधिक खुश था।
लिबेरो एक खुश मिजाज, अल्हड़ और स्वच्छंद लड़का था। वह लंबा और दुबला था, लेकिन इतना नहीं कि उसकी हड्डियाँ दिखने लगें। उसका चेहरा धूप से सांवला हो गया था, उसके हाथ बड़े थे और पारिवारिक खेत में काम करने के अभ्यस्त थे। उसकी हरी आँखें उसकी त्वचा से मैच नहीं करती थीं और उसके छोटे भूरे बाल 50वें दशक के आदमियों की तरह उल्टी मांग में कढ़े हुए थे। उसने अपने मामा को कस कर गले लगाया और फिर उनकी बातों का सिलसिला बंद ही नहीं हुआ।
कार्लो उसे ताज्जुब से देख रहा था। उसे वह समय अच्छी तरह याद था, जब लिबेरो बीमार, उदासीन और चिड़चिड़ा था। हालांकि लिबेरो कोई खास बुद्धिमान नहीं था, लेकिन जो सादा जीवन वह जी रहा था, उसने उसे खुशमिजाज बना दिया था। कार्लो चाहता था कि एलियो अपने भाई को सकारात्मकता के साथ गले लगाए। इस बीच लिबेरो अपनी नाक कार की खिड़की में घुसेड़े था और वह रास्ते में दिखने वाली हर चीज़ के बारे में सवाल पूछ रहा था।
घर पर सब लोग उसका इंतज़ार कर रहे थे।
ज्यूलिया आखिरी चीज़ें पैक करते समय घबराई हुई थी। समय करीब आ रहा था, और वह खुद से पूछ रही थी कि क्या सब कुछ ठीक हो जाएगा। आखिर वह उनकी माँ थी, और चिंता के अलावा और कुछ नहीं कर पा रही थी।
दूसरी ओर गाइया पहले ही इस विचार से समझौता कर चुकी थी। वह पूरे घर में अपनी माँ के पीछे पीछे फिर रही थी और उससे हजारों सवाल पूछ रही थी: वह क्या क्या देख सकती है? वह खेत के आस-पास क्या करेगी?
एलियो और वह तब खेत पर गए थे, जब वे बच्चे थे और उनके दादी-दादा जीवित थे। उनके दिमाग में उस स्थान की केवल कुछ धुंधली धुंधली सी यादें ही थीं: खेत, और उन पेड़ों की मीठी सी खुशबू, जिनके आस-पास वे लुका छिपी का खेल खेला करते थे।
जबसे उसके पति की मृत्यु हुई थी, इडा बुआ अपनी ज़िंदगी को दोबारा पटरी पर लाने के लिए संघर्ष कर रही थी। इसलिए उसने अपने बच्चों के साथ अपने माता-पिता के खाली पड़े पुराने खेत में बस जाने का निर्णय लिया था।
जैसे ही गाइया ने ताले में घूमती हुई चाबी की आवाज़ सुनी, वह अपने फुफेरे भाई की ओर दौड़ी, जिसने उसे उठा लिया और उसे लिए लिए चकरघिन्नी के जैसा घूम गया। गाइया मुसकुराई, उसने इतनी प्यारी गर्मजोशी की आशा नहीं की थी।
“हाय लिबेरो, तुम कैसे हो?” उसने गर्मजोशी से अपने फुफेरे भाई से पूछा, जिसे वह काफी लंबे समय बाद मिल रही थी।
“अच्छा हूँ, प्यारी बहन।” लिबेरो ने जवाब दिया।
उसी समय ज्यूलिया भी उनके बीच शामिल हो गई और लिबेरो ने उसे दोनों गालों पर एक एक हल्का सा चुंबन दे दिया।
“तुम्हारा सफर कैसा रहा?” जूलिया ने कुछ सोचते हुए पूछा।
“बहुत अच्छा, जब सफर करना हो तो “लोहे की गाय” बेहद तेज़ और आरामदेह साबित होती है; और शहर बहुत सी देखने लायक दिलचस्प चीजों से भरा पड़ा है। मैं यहाँ आ कर बहुत खुश हूँ।”
“प्लीज़, बैठो। तुम थक गए होगे। क्या तुम कुछ आइसक्रीम खाना चाहोगे?” ज्यूलिया ने पूछा।
“हाँ, धन्यवाद मामी।” लिबेरो ने खुशी से स्वीकार किया, “एलियो कहाँ है?”
“एलियो अपने कमरे में है। वह कुछ ही देर में आ जाएगा।” कार्लो ने जवाब दिया। उसका दिमाग खराब हो रहा था कि उसके बेटे ने आ कर अपने भाई से अभिवादन तक करने की ज़रूरत नहीं समझी, जो केवल उन्हें लेने के लिए इतनी दूर से आया था। जैसे ही वह एलियो के कमरे की ओर जाने लगा,
लिबेरो कहने लगा: “चिंता मत कीजिये, मामा कार्लो, मैं जाता हूँ। मैं उसे चौंकाना चाहता हूँ। मुझे बताइये ना, उसका कमरा कौन सा है?”
जैसे ही कार्लो ने एलियो के कमरे की तरफ इशारा किया, लिबेरो उसके दरवाजे की तरफ भागा। जब वह अपने भाई का अभिवादन कर रहा था, उसकी खुशी भरी आवाज़ बाहर गलियारे तक सुनाई दे रही थी।
अपने आम ठंडे बर्ताव के बावजूद, एलियो भी लिबेरो के चकरघिन्नी वाले प्यार को अनदेखा नहीं कर सका।
गाइया ने अपनी माँ की ओर देखा और फुसफुसाई:
“मुझे याद नहीं था कि वह इतना भोला भाला है।”
“ऐसे मत कहो।” जूलिया ने उसे फौरन डांटा, “वह एक अच्छा लड़का है। और वह बहुत दयालु भी है।”
“हाँ, लेकिन......क्या तुम्हें विश्वास है कि वह हमें सुरक्षित गाँव तक ले जा पाएगा?” गाइया ने अनिश्चितता से पूछा।
“हाँ बिलकुल ले जाएगा!” कार्लो ने उसे विश्वास दिलाया। “उसे कम मत समझना। वह और उसकी माँ मिल कर खेत को संचालित कर रहे हैं। वह मजबूत और चालाक है।”
रात के खाने का समय हो गया, और वह समय खुशी खुशी बीता। वास्तव में लिबेरो अपने साथ गाँव की सारी उत्सवधर्मिता और जीवंतता ले कर आया था, जिसे एलियो के अलावा हर किसी ने सराहा था।
“मैं वाकई तुम्हें वहाँ आस-पास घुमाने के लिए उतावला हो रहा हूँ।” लिबेरो ने अपने भाई-बहन को खेत का विवरण देते समय इस तरह अपनी बात समाप्त की।
“तुम कुछ दिन यहाँ ठहरो ना, फिर चले जाना?” ज्यूलिया ने कहा।
“मैं साल के इन दिनों माँ को अकेला नहीं छोड़ सकता। वहाँ कई चीजों की देखभाल करनी होती है।”
“तुम ठीक कहते हो, लिबेरो। तुम सच में बहुत अच्छे लड़के हो।” कार्लो ने नरमी से उसका कंधा थपथपाते हुए उसकी तारीफ की।
“आपको पता है, कार्लो मामा, मैं कुछ पूछना चाहता था। यहाँ शहर आने से पहले मैं सोचता था कि आप हॉर्न केवल आपात स्थिति में बजाते होंगे......”
“हाँ, यह सही है।” कार्लो ने जवाब दिया, “क्यों?”
“क्योंकि ऐसा लगता है कि हर कोई इसे ऐसे प्रयोग करता है, जैसे वह किसी पार्टी में संगीत बजा रहा हो! वे हार्न बजाना कभी बंद ही नहीं करते।”
हर किसी की हंसी छूट गई, सिवा एलियो के, जो चकित था कि लिबेरो ने कोई चुटकुला सुनाया था क्या, या फिर...........
तीसरा अध्याय
उसने महसूस किया कि लड़का दहशत में था, और उसकी हंसी फूट पड़ी
अगली सुबह लिबेरो ने ज्यूलिया को जगाया, क्योंकि उस का पाँव गलियारे के कालीन में फंस गया था, तो ज्यूलिया और उसने बाकी लोगों के उठने से पहले ही नाश्ता कर लिया। जब ताज़ा कॉफी की महक कार्लो के कमरे में घुसपैठ कर गई तो उसने भी रसोई घर का रास्ता लिया, और उसने सफाई देनी शुरू की कि एलियो के साथ आखिर क्या समस्या थी।
“चिंता मत कीजिए।” लिबेरो ने उसे तसल्ली दी, “यह घर के बाहर का अनुभव उसकी मदद करेगा। और माँ ने पहले ही से एक रणनीति बना ली है।”
जब वे ट्रेन के स्टेशन पहुंचे तो ज्यूलिया बच्चों को नसीहत करने से खुद को रोक नहीं पाई कि उन्हें वहाँ कैसे बर्ताव करना चाहिए।
गाइया से इंतजार नहीं हो पा रहा था; वह उत्साहित और उत्सुक थी। दूसरी तरफ यह साफ था कि एलियो केवल इसमें घसीटा जा रहा था। इस पर तुर्रा ये कि उसे गाइया के भारी सामान भी ढोने पड़ रहे थे, केवल इसलिए कि लिबेरो ने उसे ऐसा करने पर मजबूर किया था: “महिलाओं को वज़न नहीं उठाना चाहिए!” उसने कहा था, जिसने एलियो को आँखें नचाने पर मजबूर कर दिया था। उसके लिए पहले ही अपने फुफेरे भाई को झेलना मुश्किल था।
लिबेरो ने जींस, टीशर्ट और नागरिक सुरक्षा वाली पीले-गेरुए रंग की बेसबाल कैप पहनी हुई थी, जो उन भाई-बहन को बिल्कुल अतरंगी लग रही थी। इस के अलावा उसने बाकी के सामानों को इतनी आसानी से उठा रखा था जैसे वे खाली हों।
ट्रेन बिल्कुल ठीक समय पर चल पड़ी। जिस डब्बे में उनका आरक्षण था, उसमें और कोई नहीं था। लिबेरो ने सारे सामान को सर के ऊपर बनी जगह में व्यवस्थित ढंग से रखने के बाद सुझाव दिया:
“गाइया, मेरे साथ आओ, चलो हम पैन्ट्री कार में चल कर कुछ और नाश्ता ले आएं। यह सफर लंबा है और हमें अपनी सारी शक्ति जुटानी होगी। एलियो सामान की निगरानी कर सकता है। कोई उनके पास तक नहीं आएगा। अगर कोई आए तो आवाज देना।” लिबेरो ने अपने ममेरे भाई से कहा, “और अगर तुम ऐसे लंबोतरा चेहरा बनाना बंद कर दोगे तो हम तुम्हारे खाने के लिए भी कुछ ले आएंगे....”
गाइया और लिबेरो डब्बे से निकल गए, जो एलियो के लिए बड़ी राहत की बात थी, क्योंकि वह अकेला रहना चाहता था।
वह खिड़की के बाहर बार बार आते एक से नज़ारों को घूर रहा था। उन्होंने अभी अभी शहर के औद्योगिक क्षेत्र को पार किया था और अब चारों ओर खेतों और पहाड़ों का सिलसिला शुरू हो गया था, जो बार बार दिखाई दे रहे थे।
अचानक खिड़की के कांच पर उसने एक बूढ़े व्यक्ति का प्रतिबिंब देखा, जो उसकी सीट के ठीक बगल में, गलियारे वाली सीट पर बैठा था।
वह डब्बे में कब आया? उसने दरवाजों के खुलने की आवाज नहीं सुनी थी।
बूढ़ा व्यक्ति काला लिबास पहने हुए थे और उसने अपनी नाक पर एक अजीब सा चश्मा चढ़ा रखा था। वह एक काले चमड़े की किताब पढ़ रहा था, जो सदियों पुरानी दिख रही थी, जिसके पन्ने टिशू पेपर से बने थे। उसने अपने सर पर हैट पहन रखी थी, जिसने उसके चेहरे को ढक रखा था। पूरा दृश्य बेचैन कर देने वाला था।
एलियो पीछे नहीं पलटा, लेकिन वह खिड़की में दिखते प्रतिबिंब के माध्यम से उस पर नजर रखे हुए था। उसने उस आदमी के साथ अकेले होने की वजह से डर महसूस किया। उस पल वह निश्चित रूप से चाहता था कि काश उसका बड़ा और ताकतवर फुफेरा भाई उसके बाजू में बैठा होता। हालांकि न वह वापस लौट रहा था, न गाइया।
इधर बूढ़ा व्यक्ति अब भी अपनी किताब पढ़ रहा था। बीच बीच में वह एक पुरानी घड़ी में समय देख लेता था, जो उसने अपनी जैकेट की ऊपरी जेब में रखी हुई थी, जो उसने नफासत से अपने पुराने फैशन के कोट के नीचे पहन रखी थी।
इससे एलियो को और भी उलझन हो रही थी, जो जिज्ञासु हो रहा था कि आखिर वह आदमी किसका इंतज़ार कर रहा था। अवश्य ही यह कुछ बहुत अति महत्वपूर्ण चीज़ होगी कि वह लगातार घड़ी की ओर देखे जा रहा था।
अचानक एक बार और घड़ी देख कर बूढ़े आदमी ने अपनी किताब बंद कर दी और काले बैग में से कुछ निकालने के लिए नीचे झुक गया, जो उसने अपने पैरों के बीच में दबा रखा था। जब वह नीचे झुका तो उसकी पैंट ज़रा सी ऊपर उठ गई जिससे उसके काले टखने और अजीब से पतले काले मोज़े जो काले फर के जैसे दिखते थे, उजागर हो गए।
एलियो का अपने डर पर क़ाबू नहीं रहा और वह काँपने लगा। जब बूढ़ा आदमी अपने खुद के बैग से कुछ निकाल रहा था, वह ठहाका लगा कर हंस पड़ा, जैसे वह एलियो की दहशत को समझ गया हो। यह एक लंबी, गहरी और भयानक हंसी थी, जो उसके कानों में गूंज रही थी। एलियो ने उस शोर से बचने के लिए अपने कानों को अपने हाथों से ढक लिया। उसने उस आदमी के प्रतिबिंब को देखने से बचने के लिए अपनी आँखें बंद कर लीं और मन ही मन कहने लगा: “लिबेरो, वापस आ जाओ। लिबेरो वापस आ जाओ।”
फिर डब्बे का स्वचालित दरवाजा बड़े बेढंगेपन से खुला।
“एलियो, तुम क्या कर रहे हो? क्या तुम्हें कान का इन्फेक्शन लग गया है? इन शहरी विषाणुओं से हम गाँव वालों को संक्रमित मत कर देना!”
एलियो चौंका। फिर जब उसने लिबेरो की मज़ाकिया आवाज़ को पहचाना, तब उसने मुड़ कर अपने भाई को हँसते हुए देखा; उसने अपने हाथों में एक शॉपिंग बैग और एक सॉफ्ट ड्रिंक की बोतल पकड़ी हुई थी। गाइया उसके ठीक पीछे खड़ी थी और एक बड़े से क्रोइसेन को दातों से काट कर खा रही थी।
वहाँ बूढ़े आदमी का नामो-निशान नहीं था। वह वैसे ही गायब हो गया था, जैसे वह पहले प्रकट हुआ था। जो भी चीज़ उससे संबन्धित थी, वह हर चीज़ गायब हो चुकी थी: उसकी किताब, उसकी घड़ी और उसका बैग। लिबेरो एलियो के बगल में बैठा, और उसे एक क्रोइसेन देते समय उसने ध्यान दिया कि वह काँप रहा था।
“क्या कुछ हुआ था?” उसने पूछा।
“मुझे लगता है यह मोशन-सिकनेस है।” एलियो ने झूठ बोला।
गाइया समझ गई कि उसका भाई अपने किसी संकट से जूझ रहा है और उसने खुद से वादा किया कि वह यह समस्या लिबेरो को बताएगी।
बाकी की यात्रा शांत थी। लिबेरो उन्हें फसल काटने के उत्सव के बारे में बताता रहा, जो जल्दी ही शुरू होने वाला था और जिसमें सभी पड़ोस के गाँव शामिल होते थे। यह गाँव के बाहर की ओर आयोजित होने वाला था और शाम परंपरागत नृत्यों, जैसे टरेंटा और अधिक आधुनिक वालो से जीवंत हो उठेगी।
एलियो अपनी बहन और चचेरे भाई को देख रहा था, और खुद से पूछ रहा था कि वे दोनों कैसे इतनी जल्दी करीब आ गए। इसके बावजूद, वह उनके साथ यात्रा कर के खुश था। वे सभी घटनाएँ उसे चिंतित कर रही थीं। क्या वह अपने व्यक्तित्व के खिलाफ किसी तरह की साजिश का शिकार हो रहा था, या वह पागल हो रहा था?
लिबेरो घबरा गया, क्योंकि अब ट्रेन से उतरने का समय था। उसने खिड़की से श्रीमती जीना के घर की ओर देखा, जिसे पहचान के एक निशान के रूप में लिया जाता था। जैसे ही ट्रेन रुकी, उसने बैग ले लिये। इसके बाद, जब गाइया ने दरवाजा खोला, तो वह उन लोगों की तरह घबराकर जल्दी से ट्रेन से बाहर आ गया, जो अक्सर यात्रा करने के अभ्यस्त नहीं होते।
स्थानीय लोग उसे एक स्टेशन मानते थे, लेकिन वास्तव में यह सुदूर स्थानों के बीच में बस एक पड़ाव था। अगर कोई सुविधा यहाँ मौजूद थी तो वो थी एक छेद वाली छत और एक टूटी फूटी टिकट मशीन, जो एक पूर्व रेकॉर्डेड संदेश सुनाती थी: “सावधान, इस स्टेशन का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है। जेबकतरों से सावधान।”
लिबेरो ने एक गहरी सांस खींची और कहा:
“आखिरकार, ताज़ा हवा। कैंपओवरडे में स्वागत है।”
“मुझे तो अभी से खेतों की महक आनी शुरू हो गई है।” गाइया ने गौर किया, “तुम्हें, एलियो?”
एलियो को शहर की तुलना में कोई अलग एहसास नहीं हुआ, और उसने केवल अपने कंधे उचका दिये।
“एलियो, गाइया के सामान उठा लो। मैं दूसरे सामान ले लेता हूँ।” लिबेरो ने आदेश दिया।
गाइया अनपेक्षित रूप से लिबेरो के शरीफाना रवैये का मज़ा ले रही थी, जो आम तौर पर उसे झुँझला देता था। लेकिन लिबेरो इतना वास्तविक था कि वह इससे आनंदित हो जाती थी और उससे खेलने लगती थी। हो सकता है कि वह उसको एक बेवकूफ समझ कर भूल कर रही हो.....
गाइया और लिबेरो बात करने वाली मशीन के बिलकुल सामने से गुजरे, जो बार बार एक ही बात दोहराए जा रही थी, और वे मुसकुराते हुए सुरंग की ओर बढ़ गए।
सुरंग की सीढ़ियां चढ़ने और उतरने के लिए एलियो को गाइया के बड़े सामान को उसके हैंडल से पकड़ना पड़ा। वह पूरी तरह से थक चुका था।
आखिरी की कुछ सीढ़ियों में, इस उम्मीद में, कि पार्किंग की जगह इडा आंटी उन्हें घर ले जाने के लिए उनका इंतज़ार कर रही होंगी, उसने आखिरी प्रयास किया।
लेकिन जब वे पार्किंग की जगह पहुंचे तो उसने देखा कि कोई भी उनका इंतज़ार नहीं कर रहा था। लिबेरो अपनी बगल में गाइया को लिए पश्चिम की ओर एक संकरी सड़क पर बढ़ चला, जिसमें ऊबड़-खाबड़ ढंग से खड़ंजे बिछे हुए थे। सड़क के दोनों ओर दो नहरें बह रही थीं, जो इसे एक ओर भुट्टे के खेतों से और दूसरी ओर गेहूं के खेतों से अलग करती थी।
एलियो जो बेचैनी से अपनी साँसों को संभालने की कोशिश कर रहा था, उन पर एक पल रुकने के लिए चिल्लाया। उसकी बहन भ्रमित सी पीछे मुड़ी। उसे याद नहीं था कि पिछली बार उसने अपने भाई को इस लहजे में बात करते कब सुना था, कब अकेले रह जाने पर वह इस तरह चिल्लाया था।
“आंटी इडा की कार कहाँ है?” एलियो ने पूछा।
“ओह, माफ करना, मैं तुम्हें बताना भूल गया था। उन्होंने मुझे यह बताने के लिए फोन किया था कि वे नहीं आ पाएँगी। कैमिला, हमारी गाय, प्रसव वेदना में है और माँ उसे इस हालत में अकेला नहीं छोड़ सकतीं।”
“कैमिला? प्रसव वेदना में? हम क्या करने जा रहे हैं?” एलियो ने हाँफते हुए पूछा।
“चिंता मत करो। सिर्फ चार मील चलना है और हम खेतों पर होंगे।” लिबेरो ने सहज भाव से जवाब दिया।
“चार मील?” ये एलियो के आखिरी शब्द थे।
“चलो! तुम्हारी बहन का सामान तो कुछ भी नहीं है!” लिबेरो ने उसे चिढ़ाया, और वह भी चलने लगा।
कुछ दूरी पर पहले कुछ घर दिखाई दिये थे।
“वह वहाँ है! चेरी के पेड़ों के पीछे वाला घर हमारा है। वह खेत है।”
लिबेरो ने एक गहरे लाल रंग के घर की ओर इशारा किया, जिसकी खिड़कियों पर हरे ब्लाइंड थे। सामने के द्वार से कपड़े सुखाने की रस्सी तक एक समृद्ध और सुंदर बागीचा फैला हुआ था, जहां से तबेले की शुरुआत होती थी। इसके आगे केवल खेत थे।
“माँ, हम आ गए!” लिबेरो सामान रास्ते पर छोड़ कर चिल्लाया और तबेले की ओर भाग गया।
इडा आंटी सामने के दरवाजे से बाहर आईं।
“मेरे भतीजे और भतीजी!” वह खुशी से चिल्लाई।
गाइया ने अपनी बाहें उसके गले में डाल दीं। एलियो, जो थक गया था, उसके पास गया और केवल नम्रता ज़ाहिर करने के लिए उसके गाल को चूम लिया।
इडा अपने पचासवें वर्ष में थी, लेकिन उसकी कुदरती सुंदरता ज़रा भी कम नहीं हुई थी। वह एक छरहरी, औसत क़द की महिला थी....उसका शरीर सुडौल था, हालांकि उसकी बाहें और टांगें किसी धावक की तरह मांसल और मजबूत थीं। खेत की मुश्किल ज़िंदगी उसके लिए रोज़ की कसरत थी। उसने अपने सुनहरे बालों को पोनीटेल में बांध रखा था और उसकी गोरी त्वचा उसकी हरी आँखों को दर्शनीय बना रही थी, बिलकुल उसके भांजे की तरह।
इसी बीच लिबेरो तबेले से बड़ी सी मुस्कान लिए वापस आ गया।
“कैमिला को बछिया हुई है! हमारे लिए और अधिक दूध!”
इडा आंटी ने उन्हें अंदर आमंत्रित किया। मेज़ सजी हुई थी और लज़ीज़ खाने की खुशबू हवा में तैर रही थी। बच्चे भूखे थे और वे सब कुछ खा गए। गाइया अपनी बुआ को अपने एहसास के बारे में बताने से खुद को रोक नहीं पाई, जो उसने पूरी यात्रा के दौरान महसूस किया था।
खाने के बाद गाइया ने साफ-सफाई में इडा की मदद की। दूसरी तरफ लिबेरो एलियो को अपनी मदद के लिए अधिकार पूर्वक खेत पर खींच ले गया।
शाम को आंटी इडा ने बताया कि गर्मियों भर के लिए दुछत्ती ही उनका सोने का कमरा रहेगी। हालांकि अभी, जब तक दुछत्ती तैयार नहीं हो जाती, उन्हें लिविंग रूम में रखे सोफा बेड पर सोना था।
गाइया सीढ़ियों की ओर भागी और दुछत्ती देखने के लिए अपनी आंटी के पीछे पीछे गई। दूसरी तरफ एलियो इस अतिरिक्त बुरी खबर से सदमे में था।
वे पहली मंज़िल पर पहुंचे, जहां इडा और लिबेरो सोते थे। इसी मंज़िल पर एरकोल का भी कमरा था, उनका सबसे छोटा भाई, जो समर कैंप गया हुआ था। इडा ने लकड़ी की सीधी की ओर इशारा किया, जो दुछत्ती तक जाती थी। वह ऊपर नहीं गई, क्योंकि वह पहले ही ऊपर-नीचे करते करते बुरी तरह थक गई थी। वास्तव में वह कमरे में हवा की आवा-जाही बहाल करने के लिए पूरे दिन ही वहाँ रही थी।
इसी बीच इडा आंटी अपने कमरे में गई और उसने सूचना देने के लिए गुप्त रूप से अपनी भाभी ज्यूलिया को फोन किया।
फोन की घंटी दो बार भी नहीं बजी होगी। ज्यूलिया ने फौरन फोन उठा लिया।
“हैलो डियर, सब कैसा चल रहा है?” इडा ने पूछा।
“सब ठीक है, शुक्रिया। लेकिन मुझे बताओ, वह कैसा चल रहा है।”
“वह बिना बेहोश हुए स्टेशन से यहाँ तक चल कर आया। वह सोच रहा था कि मैं कार में उन्हें घर लाने वाली हूँ। लिबेरो ने उससे झूठ बोला और उसे हमारी गाय के बारे में बताया कि कैमिला प्रसव वेदना में थी।” इडा हंस रही थी।
“मैं उसे पसीना बहाते देखना पसंद करती।”
“हमारे खाना खाने के बाद......” इडा ने कहना शुरू किया था कि ज्यूलिया ने उसकी बात काट दी।
“क्या उसने कुछ खाया?”
“हाँ उसने पहला और दूसरा, दोनों कोर्स खाये।”
“वाह! यहाँ घर पर तो वह सैंडविच का एक कौर तक नहीं खाता था।”
“हालांकि यह मुश्किल होगा,” इडा ने कहा, “लेकिन मुझे यकीन है कि वह ठीक हो जाएगा।”
वह सुन सकती थी कि पृष्ठभूमि में कार्लो सवाल पूछ रहा था और हँस रहा था।
“टीवी और वीडियो गेम चले गए। चरमवाद की पराकाष्ठा है।”
एलियो बिस्तर पर लेटा था। वह अपना शरीर हिला नहीं सकता था। उसको इतना हिले डुले सालों गुज़र चुके थे।
स्कूल में जिम की क्लास से बचने के लिए वह हमेशा कोई न कोई बहाना ढूंढ लेता था।
“एलियो, अपनी बहन को बुलाओ। मुझे रात के खाने के लिए उसकी मदद चाहिए।”
एलियो ने जो सुना था, उस पर उसे यकीन नहीं हुआ। वह वास्तविक नहीं हो सकती थी।
लेकिन इडा आंटी ने ऐसे लहजे में बात की थी कि वह नकारात्मक जवाब दे ही नहीं पाया।
“एलियो, जो मैं ने कहा, क्या तुमने सुना?”
“अच्छा।” उसने जवाब दिया और अनमने मन से सीढ़ियों की ओर चला।
वह लकड़ी की सीढ़ियों के ठीक नीचे ठहर गया और उसका नाम पुकारने लगा।
अपने भाई के चिल्लाने के बावजूद गाइया जवाब नहीं दे रही थी।
फिर एलियो ने और भी नाराजी के साथ सीढ़ियाँ चढ़ने का फैसला किया। दुछत्ती के नीम अंधेरे कमरे में वह और भी बेचैनी महसूस करने लगा। हर कदम के साथ दुछत्ती तक पहुँचना नामुमकिन सा महसूस हो रहा था। जैसे ही उसका सिर छत को छूने लगा, उसने अपनी बहन का नाम पुकारना शुरू किया। लेकिन फिर से, कोई जवाब नहीं मिला। उसने खुद को आखिरी सीढ़ी के ऊपर घसीटा। और तब ऊपर से किसी चीज़ ने उसकी बांह पकड़ ली।
वह आँखें बंद किए, चेहरे पर डर के भाव लिए बिना हिले-डुले खड़ा रह गया।
"पकड़ लिया!" गाइया चिल्लाई, जिसने ध्यान दिया था कि एलियो डर गया है।
"दूर हटो। तुमने मुझे डरा दिया। तुम्हें जवाब देना चाहिए था।"
गाइया ने ध्यान नहीं दिया, क्योंकि उसे जो मिला था, उससे वह चकित थी। उसने कहा:
"यह दुछत्ती अजीब चीज़ों से भरी पड़ी है। यहाँ आओ। इसे देखो..."
एलियो ने सीढ़ियाँ पार कीं और अपनी बहन के पीछे-पीछे गया, जो पुरानी तस्वीरों को उलट-पलट रही थी।
“यह बहुत मज़ेदार है।” उसने फोटो एलियो की ओर बढ़ाते हुए कहा।
“क्या मज़ेदार है?” एलियो ने पूछा।
“क्या,” गाइया ने पूछा, “तुम उन्हें नहीं पहचान पाए?”
“कौन?” एलियो ने फिर पूछा।
“यह डैड हैं।” गाइया ने कहा।
“डैड? हाँ तुम ठीक कह रही हो। मैं उन्हें इस तरह के कपड़ों में पहचान नहीं पाया। वह थोड़ा लिबेरो के जैसे दिख रहे हैं। वे बुनियादी तौर पर एक ही जैसे कपड़े पहनते हैं।”
आखिरकार, काफी लंबे समय के बाद वह मुस्कुराया था। इस बीच गाइया दूसरी तस्वीरों को देखने में व्यस्त थी।
“क्या तुमने यह वाली देखी? मुझे लगता है कि यह लिबेरो के बहुत बचपन की तस्वीर है। वह इतना गंभीर और उदास दिख रहा है कि लगता ही नहीं है कि यह वही है।”
तस्वीर में एक कांतिहीन और कमजोर बच्चा दिख रहा था, जो निस्तेज आँखों से सामने देख रहा था।
“वह कितना अजीब सा दिख रहा है।” गाइया ने टिप्पणी की।
तस्वीर में वह बगीचे में खड़ा था और वह अपने हाथों में अपनी खिलौना कार पकड़े हुए था। तस्वीर थोड़ी धुंधली हो गई थी क्योंकि सूरज उसके पीछे था। तस्वीर में लिबेरो अकेला था, हालांकि एक दूसरी छाया भी थी जो उसकी छाया के बगल में थी।
एलियो ने इसे देख लिया और चिंतित स्वर में कहा:
“क्या तुम्हें यह छाया दिख रही है?”
“कौन सी?”
एलियो को घबराहट महसूस होने लगी थी।
“यह वाली, यहाँ पर। क्या तुम्हें नहीं दिख रही? यह छाया किसी भी चीज़ से संबंध नहीं स्थापित कर रही।” उसने तस्वीर की तरफ उंगली से इशारा करते हुए कहा।
“यह? यह तो पेड़ की छाया है।”
हालांकि गाइया को पूरी तरह विश्वास नहीं था, लेकिन उसने अपने भाई को दिलासा देने का प्रयास किया।
एलियो नहीं चाहता था कि उसकी बहन को लगे कि वह पागल हो गया है, उसने बात का विषय बदलने का निर्णय लिया।
“हमें नीचे जाना होगा। इडा आंटी ने मुझे यहाँ तुम्हें बुलाने के लिए भेजा है। उन्हें तुम्हारी मदद चाहिए।”
“क्या तुम यहीं ठहरोगे?” गाइया ने सीढ़ियों की ओर छलांग लगाते हुए पूछा।
एलियो ने सोचा कि यहाँ अकेले ठहरने का तो कोई सवाल ही नहीं था।
“नहीं, मैं तुम्हारे साथ आ रहा हूँ।” उसने कहा।
गाइया ने देखा कि उसकी आंटी रात का खाना बनाने में व्यस्त है, और वह उनकी मदद करने लगी।
एलियो सोफ़े पर लेटने ही वाला था जब उसने इडा की आवाज़ सुनी।
“तुम क्या कर रहे हो? आ कर हमारी मदद करो। यह आराम करने का समय नहीं है। मेज़ लगाओ, प्लीज।”
“लिबेरो कहाँ है?” गाइया ने पूछा।
“ज़रूर वह तबेला बंद कर रहा होगा।” इडा ने जवाब दिया, “एलियो, अगर तुम्हारा काम समाप्त हो चुका हो तो क्या तुम जा कर उसे बुला लाओगे?”
“मैं जाती हूँ।” गाइया ने मुसकुराते हुए प्रस्ताव रखा।
“नहीं, मुझे तुम्हारी यहाँ ज़रूरत है। अपने भाई को जाने दो।”
“हाँ।” एलियो ने थके हुए स्वर में जवाब दिया, जो असामान्य रूप से भूखा था।
उसने सामने के दरवाजे के बाहर कदम रखा और अपने भाई की खोज में चारों ओर नज़रें दौड़ाईं, जो खेत में ट्रैक्टर पर बैठा आकाश की ओर ताक रहा था।
एलियो उसकी ओर बढ़ा और उसे ऐसा महसूस हुआ कि परिवार में हर कोई बहरा हो गया है: उसने उसे कई बार पुकारा, लेकिन लिबेरो ने जवाब नहीं दिया।
“मैं वाकई आशा करता हूँ कि यह खराब हो गया है। काश मुझे लेटने का मौका मिल जाता और मुझे किसी का आदेश न मानना पड़ता।” एलियो ने सोचा।
उसे जवाब पाने के लिए बिलकुल ट्रैक्टर के नीचे तक जाना पड़ा।
“तुम चिल्ला क्यों रहे हो?” लिबेरो ने पूछा।
“तुम्हें अंदर चलना चाहिए, खाना तैयार है।” एलियो ने जवाब दिया।
“ऊपर आ जाओ।” लिबेरो ने कहा, जैसे कि एलियो ने जो कहा वह उसने सुना ही न हो।
“ऊपर वहाँ?”
“हाँ, यहाँ ऊपर। मैं तुम्हें कुछ दिखाऊँगा।”
एलियो ऊपर चढ़ा और उसके बगल में बैठ गया।
“देखो, यह कितना खूबसूरत है।” लिबेरो ने आकाश की ओर इशारा करते हुए कहा, “कुछ सालों पहले तक मैं इसे नहीं देख पाता था।”
“क्या?” एलियो ने ऐसे पूछा जैसे वह ढूँढने का प्रयास कर रहा हो कि वह किस बारे में बात कर रहा है।
“आकाश।” उसने दोहराया।
“आकाश?”
“हाँ, आकाश। यह एक खूबसूरत चीज़ है। लेकिन अक्सर अपने जीवन में हम अपने हाथ ऊपर नहीं उठाते। और मैं केवल मौसम की जांच करने की बात नहीं कर रहा हूँ, बल्कि इस पर चिंतन करने की बात कर रहा हूँ, अकेले में, उसी तरह, जैसे हम समुद्र पर चिंतन करते हैं। यह बिलकुल वैसा ही है, जैसे समुद्र को सराहना आसान है; इसीलिए इसकी ज़्यादा प्रशंसा की जाती है। क्या कभी तुमने रुक कर आकाश को सराहा है?”
“नहीं।”
“तुम्हें करना चाहिए। यह तुम्हें ऊंचा उठाता है और तुम चीजों को सही दृष्टिकोण से देख पाते हो।”
एलियो, जो अपने भाई की गहरी बातों से चकित था, खामोशी से उसके साथ रह कर कुछ देर आकाश को देखता रहा।
चौंधिया देने वाले सफ़ेद से ले कर धूम्र रंग के, बादल आकाश की दो पट्टियों के बीच तैर रहे थे। उनके नीचे वाली पट्टी सीसे जैसी स्लेटी थी, उनके ऊपर की पट्टी गहरी नीली थी, जो डूबते हुए सूरज की अंतिम किरणों से सुलग उठी थी। बादलों के किनारे सुनहरे दिख रहे थे, जैसे वे किसी दूसरी दुनिया के प्रकाश से प्रकाशित कर दिये गए हों, जैसे वे वहाँ किसी बीती हुई ज़िंदगी को प्रकाशित कर रहे थे। सफ़ेद वाले दृढ़ चोटियों के जैसे घने थे, स्लेटी वाले ऐसे लगते थे, जैसे कोई बच्चा ज़मीन पर लोट कर मैला हो गया हो।
उन सब के बीच एक आसानी से पहचाना जा सकता था। यह यूनिकॉर्न के आकार का था, और सफ़ेद पृष्ठभूमि के सामने खड़ा था मानो स्लेटी पशु सफ़ेद दिव्य घास के मैदानों में दौड़ रहे हों। जैसे टाईपोलो द्वारा बनाया गया भित्ति चित्र, वह प्राकृतिक अनंत छत जहां तक नज़र जाती थी, वहाँ तक फैली हुई थी, हमारी आत्माओं के अस्तित्व के रहस्य पर: इतनी छोटी, फिर भी अनन्त।
अचानक लिबेरो नीचे कूद गया।
“अब मैं भूख से मरा जा रहा हूँ।” उसने ज़ोर से हँसते हुए कहा।
“तुम्हें भूख नहीं लगी है, एलियो?”
“हाँ।”
“आओ, हमें चल कर खाना खाना चाहिए। फिर कभी मैं तुम्हें ट्रैक्टर पर बैठा कर सैर कराऊंगा।”
उसने घर की ओर बढ़ते हुए कहा।
एलियो ने बिलकुल समय बर्बाद नहीं किया और उसके पीछे चल दिया। वह भी भूख से मरा जा रहा था।
चौथा अध्याय
एक आवाज़ उसके कानों में किसी अजनबी भाषा के शब्द फुसफुसा रही थी
एलियो जल्दी ही उठ गया। इडा आंटी को नज़र अंदाज़ करना नामुमकिन था, जो लगातार उसका नाम ले कर चीख रही थीं। बाहर सूरज निकलने ही वाला था। उसने एक पल के लिए गुलाबी होते हुए आसमान को देखा, उस के मन में पिछली शाम सूरज के डूबने का चित्र खिंच गया और उसने उन शांति के क्षणों को को फिर से जी लिया। लेकिन यह बहुत देर तक नहीं चला क्योंकि उसके कानों में एक तीव्र घंटी सी बजने लगी, जो उसकी आत्मा को छलनी किए दे रही थी और उसने उसे वास्तविकता में आने को मजबूर कर दिया। एलियो, जो अब भी पाजामों में था और आशा कर रहा था कि उसे नाश्ते के लिए जगाया जाएगा, वह रसोई घर में जाने को विवश हो गया।
उसकी आंटी, भाई और बहन पहले ही कपड़े पहन कर और बालों में करीने से कंघी कर के तैयार हो चुके थे, जैसे अभी 5.30 की जगह 8 बज चुके हों। घर में उत्सव का माहौल था; एर्कोल समर कैंप से वापस घर आ रहा था और इडा इस बात से उत्साहित थी कि उनका बेटा वापस घर आ रहा है। वह पाँच दिन तक घर से बाहर था और वह चिंताग्रस्त रही थी। जब से लिबेरो के साथ बचपन में वह हादसा हुआ था, तब से जब भी उसके बच्चे बाहर जाते थे, वह हमेशा चिंतित रहती थी। वह कभी भी उन्हें अपनी नज़रों से दूर नहीं करना चाहती थी।
जैसे ही उसने एलियो को इस अस्तव्यस्त हालत में देखा, एक फौजी अफसर की तरह इडा ने उसे तरो-ताज़ा होने के लिए वापस भेज दिया।
इडा एक मजबूत महिला थी, जिसे जीवन की मुश्किलों ने शक्तिशाली बनाया था। अपने पति की मृत्यु और अपने बेटे के साथ हुई समस्या के बाद उसे इस उससे बिलकुल अलग ज़िंदगी को अपनाना पड़ा था, जैसी वह अपने पति के साथ शहर में जीती रही थी।
उसने उग्रता और दृढ़ता से इस नई चुनौती को अपनाया था। कभी कभी वह अकेले में रो पड़ती थी, लेकिन इसके बावजूद उसने अपनी दृढ़ता को नहीं खोया।
उसका अधिकार पूर्ण लहजा उसकी ढाल था। हालांकि अंदर से वह एक कप केक की तरह मधुर और मुलायम थी।
कुछ देर बाद एलियो, अपने खराब मूड और भूख के बावजूद ठीक से कपड़े पहन कर काफी तरो-ताज़ा हो कर आ गया।
उसे दूध और चॉकलेट और ताज़ा पेस्ट्रियों की महक आ रही थी, जो इडा ने पिछले दिन बनाई थीं।
वे दूध और चोटी के आकार के विभिन्न ख़ुशबुओं वाले ब्रिओच थे: दालचीनी, सौंफ और तिल, उसका पसंदीदा।
उसकी बहन और लिबेरो पहले ही उन्हें दूध में डुबो रहे थे।
लिबेरो ने उससे पूछा:
क्या तुम्हें पता है, आज कौन आ रहा है?
एलियो उसके प्रश्न पर चौंका।
“कौन?” उसने जवाब दिया।
“एर्कोल, मेरा छोटा भाई!”
“एलियो कुछ नहीं कह सका, लेकिन वह अपने हमजोली के बारे में बिलकुल ही भूल गया था।”
“कहाँ से?” उसने पूछा, क्योंकि उन्होंने इस बारे में बात ही नहीं की थी।
“क्या?” गाइया ने जवाब दिया, "इडा आंटी ने हमें कल बताया था।"
“वह समर कैंप से वापस आ रहा है।” लिबेरो ने मुसकुराते हुए बताया।
“दुछत्ती तुम दोनों का इंतज़ार कर रही है।” उनकी आंटी ने ऐसे लहजे में कहा कि बहस की कोई गुंजाइश ही नहीं थी, “चलो एलियो, नाश्ता खत्म करो और काम पर लग जाओ। गाइया जा कर तुम्हारी थोड़ी सहायता करेगी। मुझे एक संदेश पहुंचाने के लिए उसकी आवश्यकता है।”
एलियो ने इस विचार से राहत महसूस करते हुए कि वह कुछ समय दुछत्ती पर अकेले में बिता पाएगा, उसने एक ही सांस में अपना दूध पी लिया। वह खुश था कि वह अपने एमपी3 प्लेयर पर फिर से अपना संगीत सुनने जा रहा था।
उसने घर में सब जगह इसकी तलाश की, लेकिन वह उसे कहीं नहीं मिला। वह रसोईघर में वापस गया और पूछा:
“क्या किसी ने मेरा एमपी3 प्लेयर देखा है?”
“दुर्भाग्य से कल इसे कुछ हो गया था। तुम इसे सोफ़े पर छोड़ गए थे। जब मैं ने सोफाबेड खोला तो यह फ्रेम यान्त्रिकी के बीच फंस गया.....इसमें कुछ भी नहीं बचा है, लेकिन मैं ने मेमोरी कार्ड बचा लिया है।” उसकी आंटी ने कहा, जिसने एक रकाबी से मेमोरी कार्ड निकाला और उसे दिया।
“दिन कितने खराब तरीके से शुरू हुआ है” एलियो सोचता रहा। वह अपनी आम रफ्तार से दुछत्ती की सीढ़ियाँ चढ़ा और बत्ती जलाई।
हर तरफ चीजों का ढेर लगा था। उसे सब कुछ साफ करना था और दो बिस्तरों के लिए जगह बनानी थी। उसके लिए यह सोचना भी बहुत ज़्यादा था। इसलिए उसने कुछ ताज़ा हवा और सूरज की रौशनी अंदर आने देने के लिए बीच की बड़ी सी खिड़की को खोलने और कहीं बैठ कर गाइया के आने का इंतज़ार करने का निर्णय लिया।
लेकिन फिर किसी चीज़ पर उसकी नज़र पड़ी। यह एक किताब थी, जो एक पुराने लकड़ी के बक्से पर रखी थी, और अजीब था कि यह उस किताब के जैसी दिखती थी, जो बूढ़ा आदमी ट्रेन में पढ़ रहा था। यह एक अजीब इत्तेफाक था। निश्चित तौर पर यह बहुत आम किताब नहीं थी, जिससे वह घबरा गया। अचानक वहाँ एक प्रकाश फैल गया और एलियो को एक बुरे शगुन की तरह वह अजीब आवाज़ सुनाई देने लगी, जो उसके कानों में किसी अनजानी भाषा के शब्द फुसफुसा रही थी।
हालांकि वह जानता था कि यह असंभव है, एलियो को डर लगने लगा कि बूढ़ा अंधेरे में यहाँ उसके साथ हो सकता है। उसने बत्ती के स्विच की तलाश की, लेकिन उसे ऑन नहीं कर सका। लाइट बल्ब फट सकता है। एक गहरे तक जड़ें जमाए हुए डर उस पर हावी होने लगा। आवाज़ तेज़ से तेजतर होती जा रही थी और उसके मस्तिष्क में गूंज रही थी। वह अंधेरे में खिड़की टटोलने लगा और सभी चीज़ें, जिनके बीच से वह चल रहा था, उसके साथ घिसटती रहीं।
जब उसे हैंडल मिला तो उसे महसूस हुआ कि इसमें ताला लगा हुआ है और उसने उसे खोलने की आशा में काँच पर मुक्के मारने शुरू कर दिये।
वह काँप रहा था और उसे ठंडे पसीने छूट रहे थे।
अचानक बत्ती जल गई। एलियो पीछे मुड़ा, वह चीखना चाहता था, लेकिन उसकी आवाज़ ही नहीं निकल रही थी।
फिर उसने गाइया को देखा।
“एलियो, क्या तुम ठीक हो? यह सारा शोर कैसा है? क्या तुम्हें चोट लगी है?”
लड़का किसी चादर की तरह सफ़ेद पड़ गया था, काँप रहा था और व्यथित लग रहा था।
गाइया ने उसे कस कर अपनी बाहों में भींच लिया और चिंतित स्वर में उससे फुसफुसाई:
“क्या सब ठीक है? यह फिर से हुआ, है ना? वह चीज़ जो तुम्हें डरा देती है.....”
एलियो ने न तो जवाब दिया, न ही उसे वापस गले लगाया। वह अब भी दूर, बहुत दूर, अपने विचारों की गहराई में था। वह अपनी त्वचा पर उसके आलिंगन की गर्माहट को महसूस नहीं कर पा रहा था। ऐसा लग रहा था कि वह पत्थर का बना है।
जब एलियो अपने आपे में आ गया तो गाइया ने अपने आलिंगन को थोड़ा ढीला कर दिया।
जो पहला काम उसने किया वह यह कि उसने जांच की कि वह पुरानी किताब अब भी वहाँ थी, जहां उसने उसे देखा था, या यह केवल उसकी कल्पना थी।
दुर्भाग्य से यह अब भी वहीं थी। और उसकी दृष्टि फिर से ठंडी पड़ गई।
गाइया ने ध्यान दिया कि अभी क्या हुआ था और वह उस पुरानी किताब के पास गई। वह जानना चाहती थी कि क्या यही उसके भाई की परेशानी का कारण थी? उसने एलियो की नज़र का पीछा किया।
वह बिलकुल उस पुरानी किताब को ही घूर रहा था। वह मुड़ी और उसने उसको उठा लिया और किताब अपने हाथ में लिए उसने उसे संबोधित किया:
“क्या यही तुम्हारे डर का कारण है?”
एलियो ने एक शब्द तक नहीं कहा।
“एलियो, मुझ से बात करो। अगर तुम मुझसे दूर रहने की ज़िद करोगे तो मैं तुम्हारी मदद नहीं कर पाऊँगी।”
“ट्रेन।” एलियो फुसफुसाया।
“ट्रेन? तुम्हारा मतलब क्या है?”
“मैं ने ट्रेन में बिलकुल यही किताब देखी थी।”
“इसमें इतना अजीब क्या है?”
“जब तुम पैंट्री कार में गई थीं, तब वह अजीब बूढ़ा आदमी इसे पढ़ रहा था। वह मेरे पीछे वाली पंक्ति में बैठा था।”
“बहुत से लोग सफर करते समय किताबें पढ़ते हैं।”
“लेकिन यह कोई आम किताब नहीं है, क्या तुम नहीं देख पा रही हो।” एलियो ने जवाब दिया, जो नाराज़ हो गया था।
दरअसल गाइया ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया था कि किताब का मुखपृष्ठ कितना विशिष्ट है, और जब उसने इसे खोला तो वह और भी हैरान रह गई।
यह किसी विदेशी भाषा में लिखी हुई थी। श्वेत-श्याम तस्वीरें पूरे चाँद की रात में जंगल में अजीब सी आकृतियों को दर्शा रही थीं। इसमें से अधिकतर तस्वीरें व्यथित कर देने वाली थीं।
लेकिन उसने उन्हें न देखने का नाटक किया। उसने तुरंत किताब बंद कर दी और उसे कोने में फेंक दिया।
“छोड़ो, यह बस एक संयोग है। यह केवल एक पुरानी किताब है।”
एलियो ने खामोशी बरकरार रखी; उसके कानों में घंटी फिर से बजने लगी थी।
गाइया ने उसका ध्यान भटकाने का प्रयास किया, हालांकि वे भुतहा तस्वीरें उस के दिमाग से निकल ही नहीं रही थीं।
“आओ, इन बक्सों को रौशनी में खिसकाने में मेरी मदद करो। चलो हम रौशनदान के नीचे थोड़ी जगह बनाएँ। यहीं मैं अपना बिस्तर बिछाना चाहती हूँ। दुर्भाग्य से हमें एक ही बिस्तर पर सोना पड़ेगा, और मैं सितारों की रौशनी के साये में सोना चाहती हूँ।”
वे पूरी सुबह अच्छी गति से काम करते रहे। गाइया ने अपनी बकबक से एलियो का ध्यान भटकाने में कामयाबी पाई और जो कुछ हुआ था उसके बाद वह थोड़ा ऊर्जा के साथ प्रतिक्रिया देता दिख रहा था।
उन्होंने पूरी दोपहर हर चीज़ को साफ करने में बिताई, जब तक कि इडा आंटी ने उन्हें थोड़ा आराम करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया। उस रात एर्कोल घर वापस आ रहा था और वे जश्न मनाना चाहते थे।
लिबेरो ने वादा किया था कि वह उन्हें फसल कटाई के उत्सव में नृत्य करने के लिए ले जाएगा, जो कस्बे में होने जा रहा था।
उन्होंने एक कार के हॉर्न के बजने की आवाज़ सुनी। यह पुरानी स्थानीय बस थी, जो सप्ताह में दो बार गुजरती थी। शहर के विभिन्न पडोसों से गुजरने के बाद यह अंततः उनके कस्बे में आती थी। आमतौर पर बच्चे इसका प्रयोग ट्रिसेनटीएरी के अपने समर कैंप से घर वापस लौटने के लिए करते थे, जो मुख्य कस्बे से अधिक दूर नहीं था।
लिबेरो घर से बाहर निकल आया, और हमेशा की तरह उसने अपने भाई को उठा लिया जो अपने भारी बैगपैक को भी उठा नहीं पा रहा था, और उसे घुमा कर सामने के दरवाजे तक ले आया। जब एर्कोल उस भिंची हुई स्थिति से निकला तो उसे अपनी माँ से निपटना पड़ा।
वह प्रेम की इस अभिव्यक्ति से खुश था, लेकिन उसे ऐसा लग रहा था कि वे थोड़ा अति क्रिया कर रहे थे, क्योंकि वह केवल पाँच दिन के लिए ही तो गया था।
उसने प्यार से गाइया के गालों को चूमा, जो उसे बहुत प्यारी लगी थी, और एलियो को ठंडेपन से हैलो कहा, जिसके कारण टीवी और उसके प्यारे विडियो गेम जाते रहे थे।
एरकोल गाइया की उम्र का ही था, और किसी ग्रीक नायक की तरह वह लंबा, मांसल और बलिष्ठ था और वह स्थानीय कुश्ती दल में था।
उसके काले बाल क्रू कट में सँवरे हुए थे। उसकी गहरी आँखें और जैतूनी रंग की त्वचा उसे और भी असभ्य दिखाती थी, जितना कि वह वास्तव में नहीं था। वास्तव में वह अच्छे स्वभाव वाला लड़का था, जो दुर्भावना नहीं पाल सकता था।
रात का खाना समय से पहले ही परोस दिया गया, ताकि उन्हें उत्सव के लिए तैयार होने के लिए ढेर सारा समय मिल जाए। उनके पास उत्सव में जाने के लिए अभी घंटों बाक़ी थे, लेकिन इस अवसर के लिए इडा ने सच्ची दावत का इंतजाम किया था और उन सभी को एक दूसरे को वे सारे पकवान पहुंचाने के लिए समय चाहिए था।
इसके बाद वे जाने के लिए तैयार हो गए।
घर के सभी मर्दों को अपेक्षा से अधिक समय तक इंतज़ार करना पड़ा। इडा और गाइया दोनों बहुत समय ले रही थीं। एलियो मूड में नहीं था। साथ ही वह सोच रहा था कि जो पहनावा पूरे दिन उसने दिखाया था, वह कुछ ज़्यादा ही था। एर्कोल ने जींस पहनी थी और बालों में बहुत सा जेल लगाया था।
लड़कों में लिबेरो को सबसे ज़्यादा समय लगा। वह तब तक अपने कमरे से बाहर नहीं आया, जब तक वह पूरी तरह तैयार नहीं हो गया। वह अपनी कैप्री पैंट और राग-बिरंगी कमीज़ में जीवन से भरपूर लग रहा था, जो सब पर कुछ ज़्यादा ही लगती, लेकिन उस पर जंच रही थी।
उसकी आँखें चमक रही थीं। यह एक ऐसा उत्सव था, जिसका वह सबसे ज़्यादा मज़ा उठाता था।
जैसे ही सब तैयार हो गए, एलियो ने उस यातना से भागने का प्रयास किया, लेकिन उसे उसकी आंटी के उत्साह ने पकड़ लिया, जो पहचान में ही नहीं आ रही थी। उसने एक काली फूलों वाली ड्रेस और ऊंची एड़ी के जूते पहने थे और उसके बाल उसके कंधों पर लहरा रहे थे। इसके अलावा उसने अपने चेहरे पर मेकअप किया था। उसने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसे बाहर तक ले आई।
रास्ते भर वे रौशनियों की, छोटी छोटी झंडियों की और सजावट की तारीफ करते रहे, जो उस साल के उत्सव के आयोजकों द्वारा की गई थी।
सड़क के किनारे सभी आकृतियों में घास के गट्ठर कस्बे को सजा रहे थे।
शहर के केंद्र में युद्ध स्मारक पैरे से बने हुए विशाल पहियों से घिरा हुआ था।
मुख्य चौक पर मंच बनाया गया था, जहां मार्चिंग बैंड का प्रदर्शन होना था।
डांस फ्लोर के चारों ओर सारी कुर्सियों पर बुज़ुर्गों ने कब्जा कर रखा था, जो बातें कर रहे थे और जवान लोगों के नृत्य की तारीफ करने का इंतज़ार कर रहे थे। छोटे बच्चे पहले ही बड़ों की नक़ल करते हुए डांस फ्लोर पर दौड़ लगा रहे थे, जो नृत्य के दौरान उनको नज़र अंदाज़ कर देने वाले थे।
उस रात शहर में हर कोई गाइया और एलियो के आने की बात कर रहा था। बुजुर्ग और बड़े लोग पुराने समय को याद कर रहे थे जब दोनों भाई-बहन शहर आया करते थे।
लोगों के विभिन्न दृष्टिकोण थे: कुछ लोग उन्हें दो गुस्सैलों की तरह याद कर रहे थे, कुछ अन्य अच्छे बच्चों की तरह। दूसरी तरफ उनके पुराने दोस्त पुराने समय को याद कर रहे थे, जब वे स्कूल गोल करके खेतों में गायब हो जाते थे।
कोई कहता कि एलियो अपने पिता के जैसा दिखता है, दूसरा कहता, नहीं गाइया दिखती है। कुछ अन्य इस रहस्य को यह कह कर सुलझाते कि वे अपने दादा-दादी के जैसे दिखते हैं।
इस बीच मार्चिंग बैंड रिहर्सल कर रहा था। हर चीज़ करीब-करीब तैयार थी। मेजबान, या सही सही कहा जाए तो वह व्यक्ति जो हर साल मंच से बोलने के लिए जिम्मेदार था, को स्थानीय अधिकारियों द्वारा मंच पर बुलाया गया।
उसने प्रायोजकों का धन्यवाद करते हुए अपना भाषण समाप्त किया, जबकि सभी शहरवासी पूरी तरह से इस बात से उदासीन थे कि वह क्या कह रहा है और वे जम्हाई ले रहे थे। इसके कुछ ही देर बाद वे इस आशा में तालियों की बरसात करने लगे कि मेजबान ने अपना भाषण समाप्त कर दिया है और अब वह मंच से दफा हो जाएगा और बैंड के लिए जगह खाली करेगा।
जब यह घोषणा हुई कि मेजबान मंच से उतर रहा है, तो और भी भारी शोर-गुल हुआ और खूब तालियाँ बजीं। ऑर्केस्ट्रा का संचालक मंच पर कूद के आया और उसने चारों ओर छड़ी घुमानी शुरू कर दी। ऐन उसी क्षण ट्रोम्बोन की थाप पड़ने लगी, जिसमें बाद में ड्रम की लय मिल गई, फिर सेक्सोफोन बजने लगा, और फिर क्लैरिनेट बजने लगा।
लिबेरो नृत्य के फर्श पर आने वाला पहला व्यक्ति था, साथ में उसकी पसंदीदा साथी थी, जिसके साथ वह हमेशा नृत्य की शुरुआत करता था। अचंभे की बात थी, लिबेरो बेहतरीन नर्तक था और सारी स्थानीय औरतें कम से कम एक बार उसके साथ नृत्य करने का मज़ा लेना चाहती थीं। वह जवान लड़कियों और अधिक उम्र की औरतों, दोनों पर ध्यान देता। उसे नृत्य करना पसंद था और वह अपना निष्काम जुनून अपने साझीदार में भी भरने में सक्षम था।
नृत्य का मंच नृत्य करते हुए लोगों से भर गया था। गाइया को नृत्य करने के लिए कई आमंत्रण मिल रहे थे, और वह भी पीछे नहीं हट रही थी।
एक पल के लिए एलियो को एक अजीब सा अनुभव हुआ। बिना उसको महसूस हुए, उसके पाँव थिरकने लगे।
जैसे ही नृत्य की गति में तेज़ी आने लगी उसकी आंटी ने उसे लहराते हुए हाथ से पकड़ लिया और उसे नृत्य करने और घूमने के लिए प्रेरित किया।
उसने अनपेक्षित रूप से इस निर्णय का विरोध नहीं किया। एक पल के लिए उसने लय को अपने शरीर से निकलते महसूस किया। उसे इतना मज़ा आ रहा था कि अपने चेहरे की मांसपेशियों में एक अजीब से खिंचाव के कारण दर्द महसूस होने लगा था, जो उसने सालों से महसूस नहीं किया था।
वह नृत्य करते हुए अपनी आंटी की बाहों से निकल कर कई दूसरी लड़कियों की बाहों में भी गया, जो कौतूहल और रुचि से उसकी ओर ताक रही थीं।
आखिरी लड़की के साथ नृत्य करना बंद करने के बाद एलियो अपनी सीट पर वापस आ गया। वह अपने खून को अपनी पैरों में प्रवाहित होता हुआ महसूस कर रहा था। अचानक उसे फिर से उस अजीब डरावनी घंटी के बजने की आवाज़ आने लगी, जिसने उसे मुख्य चौक से दूर जाने पर विवश कर दिया। वही संगीत, जिस पर वह कुछ देर पहले नृत्य कर रहा था, बहरा कर देने वाले शोर में बदल गया।
वह गिरिजाघर के साथ बने उद्यान की ओर चल पड़ा, जहां कुछ पुराने ट्रैक्टरों को प्रदर्शित किया गया था। कुछ बच्चों का समूह उन्हें देख रहा था, और उनके आस-पास दौड़ लगा रहा था।
एलियो एक अंधेरे कोने में बैठ गया और उन्हें देखने लगा।
वह सारी हंसी उसके दिमाग में गूंज रही थी और उसे एक पुरानी खुशी की याद दिला रही थी, जिसे बहुत समय पहले दफना दिया गया था।
उसे उस बच्चे से जलन महसूस हो रही थी, जो खुशी-खुशी अपने पिता की ओर दौड़ रहा था और उसका हाथ पकड़ रहा था। जब उसने यह देखा, तो उसकी एक पुरानी याद छलकने लगी: उसके पिता के हाथ की गर्माहट और खुशबू।
उसकी कनपटियों में एक तीव्र दर्द उठा। वह कुछ सोच नहीं पाया। उसने अपना सिर अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया। वह ठंडा पड़ गया।
“एलियो, तुम यहाँ अकेले बैठे क्या कर रहे हो? क्या तुम्हें कुछ तकलीफ है?”
इडा आंटी, जिसने रात भर उस पर से नज़रें नहीं हटाई थीं, उसके बगल में बैठ गई। एलियो ने जवाब नहीं दिया।
खेत की ओर लौटते हुए रास्ते में गाइया अपनी मज़ेदार रात और नए साथियों के बारे में बातें करने से खुद को रोक नहीं पा रही थी।
पहली बार उन्होंने दुछत्ती में रात गुज़ारी। उन्होंने बिस्तर ठीक रोशनदान के नीचे बिछाया था ताकि गाइया सितारों को देखते हुए सो सके, और उसने वही किया।
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